अंतर्मन

शायरी करना तो शायरों का काम है , हम तो बस यूंही अरमां बयां करते हैं !!

लोग सच कहते हैं


लोग सच कहते हैं 
हमेशा आगे बढ़ते जाना है  

भूत के नतीजे भविष्य में 
नहीं बताये जाते हैं 


लोग सच कहते हैं  
ज़िंदगी के साथ ज़िंदगी और 
ज़िंदगी के मायने भी बदल जाते हैं 


लोग सच कहते हैं 
किसी की उम्मीद , 
किसी के ख़्वाब ,
कहीं इंसां बदल जाते हैं 


लोग सच कहते हैं 
जिस विश्वास जोड़ने में सालों लगे 
तोड़ने में पल भी न लगाते हैं 


लोग सच कहते हैं 
ठोकर खाके ही लोग संभलते हैं 
संभल गए तो ठीक, 

वरना लोग मर भी जाते हैं 


लोग सच कहते हैं 
जीवन के चक्र में तो चलना ही पड़ता है 
तुम्हारे रुकने से ,

लोग रुक थोड़े ही जाते हैं 


लोग सच कहते हैं 
सब कुछ तुम्हारे मुताबिक़ नहीं होता 
कोशिश करो ,
कोशिश करके हार को भी जीत में बदल पाते हैं 


लोग सच कहते हैं 
ज़िंदगी के अपने उसूल हैं 
किसी के उसूलों पे दुनिया नहीं चलती 

वक़्त के साथ, कितनों की नीयत 
कितनों के उसूल बदल जाते हैं 


लोग सच कहते हैं 
घाव वक़्त के साथ भर ही जाते हैं 
क्या हुआ जो निशाँ छोड़ जाते हैं 
दर्द भले ही न करते हैं 
यादें तो ताज़ा कर ही जाते हैं 


लोग सच कहते हैं 
पर सब कुछ नहीं कहते 
जिन सवालों का ज़वाब पास नहीं 
उनको भगवान भरोसे छोड़ जाते हैं 



शैल 
दिसम्बर' १७ 

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