अंतर्मन

शायरी करना तो शायरों का काम है , हम तो बस यूंही अरमां बयां करते हैं !!

दोस्ती - दस साल पुरानी रचना

वह है जो सबसे जुदा,
जिस पर हो
कोई भी फ़िदा
है सभी से प्यारी,
दोस्त हमारी !
परेशानी मुझे कभी होती है,
क्योंकि हथेली ही,
हथेली को धोती है.
यह है लेती है कुछ,
तो बहुत देती भी है.
नज़र लगे किसी की
ऐस हो दोस्ती हमारी.
ही तुम लगो,
हमें कभी भरी.
चाहे तुम कर लो, हमपर सवारी.
ऐसे ही दुनिया में,
सभी हों दोस्त
ही कोई शेर हो,
ही कोई गोश्त
सब मिलकर रहें प्यार से,
एईसी दुआ है,
मेरे उस यार से..
जिसको कहते हैं हम राम
ईशे, नानक और रहमान.
यही है हमारी
दोस्ती की पहचान !!


- शैल
२०००