अंतर्मन

शायरी करना तो शायरों का काम है , हम तो बस यूंही अरमां बयां करते हैं !!

यकीं

कर यकीं 
ख़ुद पर 
एक ऐसा 
दिन भी आएगा,
जब तू 
चाहेगा जैसा 
जिस तरह 
सब वैसा हो जाएगा,
मुश्किलें 
तो आती ही हैं 
राह में 
बिना परेशानी 
ज़िंदगी का मज़ा 
क्या है 
ग़र हो 
यकीं तुझे ख़ुद पर 
तू सब 
रुकावट पार कर 
अपने 
पसंद की दुनिया बसाएगा,
ना तू है 
किसी से कम 
तुझमे 
बहुत है दम 
बस कर यकीं 
करने से 
ना डर 
तू सच से 
कोशिश से 
सारे 
मुक़ाम हासिल कर पाएगा,
दुनिया का 
ज़िक्र छोड़ 
फ़िक्र तुझे 
अपनों की करनी है 
उनके ख़ातिर 
प्रयास  कर 
सब ख़ुद-ब-ख़ुद हो जाएगा,
मन की 
बेड़ियों से 
निकलना है 
मुश्किल  पर 
नामुमकिन नहीं 
कर यकीं 
ख़ुद पर 
सब कुछ मन का हो जाएगा !!

-शैल 
अप्रैल , २०१८ 

तुम 
जब से मिले हो 
ऐसा होता है,
तेरे ज़िक्र 
के बग़ैर 
सब अधूरा होता है,
जब तेरी 
याद ना हो 
ऐसी 
ना कोई रात , ना 
कोई दिन होता है,
है भरोसा 
तुझे हम पर 
यही एक 
भरोसा होता है,
और इस 
भरोसे की बुनियाद 
आपस में बोला 
हर एक सच होता है,
तेरी ख़ुशी 
ही चाही 
ग़म ना हमारा 
प्रथम होता है,
क्यूंकि 
तेरी नज़र में 
ये सब 
ग़लत, जुरम होता है,
इस एक 
ज़िंदगी में 
कितने नव आकाश 
नव जीवन , नव 
ऊर्जा का संचार होता है,
बस 
पहचान और 
थाम ले उसको 
वक़्त ना ऐसे 
हर बार मेहरबां होता है,
ग़र तू 
वज़ह है 
इस ख़ुशी की मेरी 
मेरा यहाँ 
ऐसे होना ही 
तेरी 
ख़ुशी का पैग़ाम होता है !!

- शैल 
अप्रैल,. २०१८