अंतर्मन

शायरी करना तो शायरों का काम है , हम तो बस यूंही अरमां बयां करते हैं !!

अब वक़्त मिला है ...

अब वक़्त मिला है
सोने का 
ख़्वाबों के रास्ते
उन लम्हों में खोने का

अब वक़्त मिला है 
खोने का 
पुरानी यादों में
कुछ वक़्त साथ होने का

अब वक़्त मिला है 
होने का
एहसास अब वो
तुझको खोने का 

अब वक़्त मिला है
ढ़ोने का
जुदाई का बोझ
कंधों में सुखोने का
 
अब वक़्त मिला है 
रोने का
आँसुओं से
पलकें भिगोने का

अब वक़्त मिला है 
धोने का
मन की कालिख़,
साथ सभी के होने का 

अब वक़्त मिला है
बोने का
बीज नयी उम्मीद,
नए इरादे संजोने का 

अब वक़्त मिला है. . .

~ शैल
दिसंबर' २०१४ 

दिल कहता है...

दिल कहता है
दिल की बात
दिल से कह दूँ।

प्यार का दर्द

प्यार के लिए
प्यार से सह लूँ।

दूर हैं

दूरी में
दूर नहीं हूँ।

साँसों की ख़ातिर

साँस में तेरी , हर
साँस मैं लूँ।

ज़िंदगी भर

ज़िंदगी के नाम
ज़िंदगी कर दूँ। 


~ शैल

अक्टूबर ' २०१४ 

दिल की कसक..

सैनिकों की शहादत 
को देख 
आँखें नम सी हो जाती हैं
और कुछ न कर पाने की 
मजबूरी 
दुःख थोड़ा और बढ़ाती है 
दिल की कसक, मेरी
बस दिल में रह जाती है.

नेताओं का कुर्सी प्रेम 
जनता को भड़काती है 
और धरम के नाम पे 
लोगों को  
आपस में लड़वाती है
दिल की कसक, मेरी
बस दिल में रह जाती है.

सब लोगों को 
अब खुद की पड़ी है 
दूसरों की परवाह 
कहाँ है 
ख़ुदा की ज़रूरत भीi
अब मज़बूरी में आती है 
दिल की कसक, मेरी
बस दिल में रह जाती है.

क्या होगा अब देश का अपने 
सोच के डर लगता है
और भविष्य की 
चिंता मुझको 
अब हर पल सताती है
दिल की कसक, मेरी
बस दिल में रह जाती है.

- शैल 
२०१४ 

लगता है, कुछ छूट रहा है...

लगता है, कुछ छूट रहा है.

बहती दरिया का पानी 
जैसे सूख रहा है 
लगता है, कुछ छूट रहा है.

मुश्किलों में पड़ा 
राह में जूझ रहा है 
लगता है, कुछ छूट रहा है.

क्या गलत, क्या सही 
न कुछ सूझ रहा है
लगता है, कुछ छूट रहा है.

ज़िंदगी की पहेली वो 
अकेला बूझ रहा है 
लगता है, कुछ छूट रहा है.

यादों का मायाजाल 
अब ऐसे लूट रहा है.
लगता है, कुछ छूट रहा है.

पाने का वो सुनहरा 
सपना जैसे टूट रहा है 
लगता है, कुछ छूट रहा है.

- शैल 
२०१४ 

इंतज़ार...

कब से उस वक्त के 
इंतज़ार में 
साँस थमी सी है।
चाहतों के इकरार
में, बेकरार 
उम्मीद लगी सी है।
दीदार-ए-हुस्न-ए-यार 
की आग 
दिल में लगी सी है। 
क्या गलत, सही 
अन्तर्मन में 
अब ठनी सी है। 
भावनाओं के सागर में 
पाने की उसे 
लहर उठी सी है। 
तेरी हाँ सुनने को 
अब, मेरी 
ज़िन्दगी रुकी सी है। 

- शैल 
२०१३ 

ज़िन्दगी तमाशबीन है.

ज़िन्दगी तमाशबीन है.
तेरी चाहत
भावनाओं कि आहत.
सब उसके अधीन है
ज़िन्दगी तमाशबीन है

सपनों का जहां
और धरातल का सच
मामला संगीन है
ज़िन्दगी तमाशबीन है

चेहरों पे नक़ाब
ख़ुशी का ढोंग
आँखों से बेहता
वो दरिया नमकीन है
ज़िन्दगी तमाशबीन है

खोना पाना
मिलके बिछड़ जाना
असंभव कर जाने
का तुझको यक़ीन है
ज़िन्दगी तमाशबीन है

शक़ का मायाजाल
भावुकता की बेड़ियाँ
इन सबकी जीवन मे
अपनी ज़मीन है
ज़िन्दगी तमाशबीन है

अपनी छड़िक ख़ुशी
के ख़ातिर, दूसरों के
दर्द से अंजान
तु संवेदनहीन है
ज़िन्दगी तमाशबीन है

शैल 
अप्रैल ' १४