मन का महल
भावनाओं की सजावट,
उसमे मिलाओ
चाहतों की मिलावट,
दिमाग का किला
विचारों का सिलसिला,
समय के साथ
कुछ ज्ञान है मिला,
दुनिया की दौड़
आगे बढ़ने की होड़,
काम के पीछे
परिवार को छोड़,
कहाँ से चले थे
कहाँ आ गए,
आपस का स्नेह
सबका साथ गवां गए,
ऐसा होना
सोच के डरता है,
हुआ नहीं, बस
युहीं संभलता है,
काम और परिवार
दोनों हैं ज़रूरी,
इंसान की कुछ
अपनी है मजबूरी,
वक़्त के साथ
बदलना तो पड़ेगा,
पर इन बातों को
हल करना ही पड़ेगा ...
शैल
2012
भावनाओं की सजावट,
उसमे मिलाओ
चाहतों की मिलावट,
दिमाग का किला
विचारों का सिलसिला,
समय के साथ
कुछ ज्ञान है मिला,
दुनिया की दौड़
आगे बढ़ने की होड़,
काम के पीछे
परिवार को छोड़,
कहाँ से चले थे
कहाँ आ गए,
आपस का स्नेह
सबका साथ गवां गए,
ऐसा होना
सोच के डरता है,
हुआ नहीं, बस
युहीं संभलता है,
काम और परिवार
दोनों हैं ज़रूरी,
इंसान की कुछ
अपनी है मजबूरी,
वक़्त के साथ
बदलना तो पड़ेगा,
पर इन बातों को
हल करना ही पड़ेगा ...
शैल
2012
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