ज़माना मुझसे नाराज़ हो गया है
अब उसे मेरी हर बात पर
नुक्स नज़र आ रहा है
जब मैंने अपनी ज़िन्दगी की
मुश्किलातों को ख़त्म करने की खातिर
ज़माने के कायदों को तोड़ दिया
ज़माना मुझसे नाराज़ हो गया है ..
पहले जब ज़िन्दगी दुश्वार थी
ज़माना अपनी खुशियों में मशगूल था
मेरे वास्ते सोचने को वक़्त नहीं था
लेकिन आज जब मैंने कोई राह न पाकर अपनी राह बनाई है
तब में पूछता हूँ , क्यूं
ज़माना मुझसे नाराज़ हो गया है !!!!
अब उसे मेरी हर बात पर
नुक्स नज़र आ रहा है
जब मैंने अपनी ज़िन्दगी की
मुश्किलातों को ख़त्म करने की खातिर
ज़माने के कायदों को तोड़ दिया
ज़माना मुझसे नाराज़ हो गया है ..
पहले जब ज़िन्दगी दुश्वार थी
ज़माना अपनी खुशियों में मशगूल था
मेरे वास्ते सोचने को वक़्त नहीं था
लेकिन आज जब मैंने कोई राह न पाकर अपनी राह बनाई है
तब में पूछता हूँ , क्यूं
ज़माना मुझसे नाराज़ हो गया है !!!!